ग़ज़ल - कुछ ज़ख़्म हमारे ....
कुछ ज़ख़्म हमारे यूँ गहरे हो गये
मरहम लगाया फिर भी हरे हो गये
दोस्त साथ ना दें तो कोई ग़म नहीं
दुश्मन अब जाँ से भी प्यारे हो गये
नाता तोड़ चुकें बरसात से भी हम
घर में आसुँओं के फ़वारे हो गये
रेत के महल थे, ढह गये तो क्या ग़म
सूरज की तपन के नज़ारें हो गये
हिसाब भी क्या रखना बिती यादों का
कुछ पल मेरे कुछ तुम्हारे हो गये
तन्हाईयों से दूर भागते रहे
’संकेत’ अब उसी के सहारे हो गये
मरहम लगाया फिर भी हरे हो गये
दोस्त साथ ना दें तो कोई ग़म नहीं
दुश्मन अब जाँ से भी प्यारे हो गये
नाता तोड़ चुकें बरसात से भी हम
घर में आसुँओं के फ़वारे हो गये
रेत के महल थे, ढह गये तो क्या ग़म
सूरज की तपन के नज़ारें हो गये
हिसाब भी क्या रखना बिती यादों का
कुछ पल मेरे कुछ तुम्हारे हो गये
तन्हाईयों से दूर भागते रहे
’संकेत’ अब उसी के सहारे हो गये
वाह वाह..हया क्षेत्रातही तु आहेस का...सहीये...मस्त जमलीये...लगे रहो संकेत भाय.. :)
उत्तर द्याहटवासुंदर !!
उत्तर द्याहटवातुझी मातृभाषा मराठी आहे की तामिळ की हिंदी/उर्दू असा एक रास्त प्रश्न आम्हांस पडलेला आहे !!
वाह वा! वाह वा! वाह वा!
उत्तर द्याहटवागझलकें ये लफ्ज तुमने युं लिखे है दर्दी,
उत्तर द्याहटवाहम तो आपके दिवाने हो गये पारधी,
इतनाभी खुब मत लिख मेरे दोस्त के,
वाह तक ना निकले तारिफ करने यह खुबसुरती...
अप्रतिम,
उत्तर द्याहटवातुझी मातृभाषा मराठी/तामिळ/हिंदी/उर्दू यांपैकी कुठली आहे हा प्रश्न आम्हां पामरांस पडला आहे!
@ devenda :- धन्स रे दादा.. हो मी या क्षेत्रातही आहे... :-D
उत्तर द्याहटवा@ sanket Apte :- शुक्रिया हूजूर !!!!
उत्तर द्याहटवासौरभदा :- शुक्रिया .. हमारी तारिफ मे आपने ये जो कसिदे गढ़े हैं , उसके लिये शुक्रिया !!
उत्तर द्याहटवा@ heramb & Vidyadharbaba :-
उत्तर द्याहटवासामूहिक धन्यवाद देतो कारण तुम्हाला माझ्या मातृभाषेबद्दल सामूहिक प्रश्न पडलाय !!! मला सगळ्या भाषा मातृभाषेसारख्याच रे !!! (politically correct answer :-D )
यह मेरे जख्मोंकी गलती नहीं है जानम
उत्तर द्याहटवाखुशकिस्मती है मेरी के कोई मरहम इलाज नहीं करता
वाह ! क्या बात ! :)
हटवाधन्यवाद विवेक !